IndNewsX world all news available here रहीम के दौहे रहीम के दोहे (नियंत्रण) रहिमन निज मन की ब्यथा मन ही रारवो गोय सुनि इठि लहै लोग सब बंटि न लहै कोय । अर्थ : अपने मन के दुख को अपने तन में हीं रखना चाहिये। दूसरे लोग आपके दुख को सुनकर हॅसी मजाक करेंगें लेकिन कोई भी उस दुख को बाॅटेंगें नही। अपने दुख का मुकाबला स्वयं करना चाहिये । रहीम के दोहे (नियंत्रण) एकै साधै सब सधै सब साधे सब जाय रहिमन मूलहिं संचिबो फूलै फलै अघाय । अर्थ : किसी काम को पूरे मनोयोग से करने से सब काम सिद्ध हो जाते हैं। एक हीं साथ अनेक काम करने से सब काम असफल हो जाता है। बृक्ष के जड़ को सिंचित करने से उसके सभी फल फूल पत्ते डालियाॅ पूर्णतः पुश्पित पल्लवित हो जाते हैं। रहीम के दोहे (नियंत्रण) ज्यों चैरासी लख में मानुस देह त्यों हीं दुर्लभ जग में सहज सनेह । अर्थ : जिस तरह चैरासी लाख योनियों में भटकने के बाद मनुश्य का शरीर प्राप्त है- उसी प्रकार इस जगत में सहजता सुगमता से स्नेह प्रेम प्राप्त करना भी दुर्लभ है। रहीम के दोहे (नियंत्रण) र...